5 March 2015

टालमटोल न करें



     हम सभी कभी न कभी टालमटोल करते है।  आज के काम को कल पर टाल देते है।  कारण यह होता है है कि कभी हमारा मूड नही होता, तो कभी काम मुश्किल लगता है।  लेकिन यह याद रखे कि टालमटोल समय प्रबंधन की दॄष्टि से खतरनाक है।  इसका एक नुकसान तो यह है कि आप कल के समय को गिरवी रख देते है।  जिस काम को आप आज ही निबटा सकते है, उसे कल पर टाल देने से आप कल के बोझ को और ज्यादा बढ़ा देते है।  आज का काम आज ही पूरा करे, ताकि आने वाले कल पर बोझ न पड़े।  संभव हो, तो आने वाले कल के काम कुछ काम भी आज ही निबटा लें, ताकि कल के दिन आप पर दबाव कम हो जाए और आप उसमे नए काम कर लीजिए। 

     अब आप यह समझ लीजिए कि हम टालमटोल क्यों करते है।  इसके बहुत से कारण होते है - या तो काम boaring या मुश्किल होता है, या उसकी कोई समय सीमा नही होती, या उसका लक्ष्य स्पष्ट नही होता, या आपको वह काम इतना बड़ा नज़र आता है कि आपको समझ ही नही आता कि कहाँ से शुरू करे।  इसके अलावा, कई बार तो हम इसलिए टालमटोल करते है, क्योंकि हमारे पास पूरी जानकारी नहीं होती और हम सोंचते है कि पूरी जानकारी के बगैर काम नही हो सकता।  सौ बात की एक बात, टालमटोल का कारण चाहे जो हो, उसे दूर करे और आज के काम को आज ही पूरा करने की आदत डालें।  यह भी न भूलें कि बुलंद इरादों से हर समस्या विकराल लग सकती है।  मुख्य सवाल तो यह है कि आपका इरादा कितना बुलंद है। 
 
     टालमटोल का सबसे आम कारण यही होता है कि किसी काम को करने का हमारा मुड नही होता।  देखिए, यह बात अच्छी तरह समझ लीजिए कि अच्छा काम करने का मूड कभी नहीं होगा।  मन चंचल है और अगर सदियों से इसे वश में रखने को कहा गया है, तो उसके पीछे कोई अच्छा कारण होगा।  मन कभी भी अच्छी चीजों की ओर नहीं जाता है, क्योंकि उनके लिए अनुशासन और श्रम की जरुरत होती है।  यह तो हमेशा क्षणिक सुख और आनंद के पीछे भागता है।  सुन्दर लड़कियों के साथ बातें करने का तो आपका मुड़ हमेशा रहता है, लेकिन आस्तीन चढ़ाकर और कमर कसकर मेहनत करने का आपका मन कभी नही होता।  मन मेहनत से घबरता है, इसलिए अगर आप जीवन में कुछ करना चाहते है, तो मन या मूड के गुलाम मत रहिए।  मन को अनुशासित करिए और मूड हो या ना हो, काम शुरू कर दीजिए। 
 
     टालमटोल करने का एक रूप काम को अधूरा छोड़ना भी है।  आप किसी काम को अधूरा छोड़ देते है और यह सोचते है कि उसे कल पूरा कर लेंगे।  जब कल आता है, तो आपको यह याद करना पड़ता है कि आपने उस काम को किस मोड़ पर छोड़ा था, आपका लक्ष्य क्या था और आप उसे कैसे पूरा करने वाले थे।  इस चक्कर में आपका बहुत सा समय बर्बाद हो जाता है।  इसके अलावा, हो सकता है की अगले दिन आपको उस काम को पूरा करने की फुरसत ही ना मिले।  इसलिए हमेशा काम पूरा करके ही उठिए।  अगर काम बड़ा हो, तो उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में बाट लीजिए और सिर्फ एक हिस्से को ही पूरा करने की योजना बनाइए।  टालमटोल करना एक लोकप्रिय बहाना है और जैसे कि एक कहावत है, "कल सप्ताह का सबसे व्यस्त दिन होता है।"

कुछ लोगों के पास हज़ारो कारण होते है कि वे अपना मनचाहा काम क्यों नही कर सकते, जबकि उन्हें तो बस एक कारण की जरुरत होती है कि वे उसे क्यों कर सकते है। 
                                        - विलिस आर. व्हिटनी

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