1 April 2015

टी. वी. के संदर्भ में सावधान रहें


     T.V. के कारण आज जितना समय बर्बाद हो रहा है, उतना इतिहास में कभी किसी दूसरी वजह से नहीं हुआ - वैसे facebook भी बहुत तेज़ी से इस श्रेणी में आता जा रहा है।  T.V. के कई दुष्प्रभाव होते है, लेकिन हम यहाँ पर केवल समय की बर्बादी के बारे में बात करेंगे।  एक survey में यह पाया गया कि लोग हर सप्ताह लगभग 17 घंटे tv देखते है यानी लगभग ढ़ाई घंटे प्रति दिन।  इसका मतलब है कि लोग हर दिन अपने पास उपलब्ध सक्रिय समय का 20% हिस्सा टी.वी देखने में गवा रहे है। 

     जरा गौर से सोचें, अगर आपने टी.वी नहीं देखा, तो क्या आफ़त आ जायेगी ?  अक्सर होता यह है कि हम यह सोचकर टी.वी देखने बैठते है कि बस आधा घंटा देखेंगे।  आधा घंटे बाद दूसरे चैनल पर कोई अच्छा कार्यक्रम दिख जाता है और इस तरह कब दो घंटे हो जाते है, पता ही नहीं चलता।  इस चक्कर में आपके बहुत से जरूरी काम अधूरे रह जाते है।  टी.वी के बहुत से समर्थक इसके शैक्षिक महत्त्व का दावा करते है, लेकिन मुझे आज तक ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला, जो सिर्फ़ शैक्षिक महत्त्व के लिए टी.वी देखता हो।  अगर शिक्षा ही ग्रहण करनी है, तो टी.वी से बेहतर विकल्प मौजूद है - पुस्तकें पढ़े या इंटरनेट से जानकारी लें।  वैसे यदि आप टी.वी पर केवल ज्ञानवर्धक कार्यक्रम ही देखते है, तो यह अध्याय आपके लिए नहीं है।  मेरे एक परिचित है, जिनके यहाँ टी.वी सुबह से रात तक चलता रहता है।  सुबह वे खुद न्यूज़ देखते है, बीच-बीच में बच्चें स्कूल जाने से पहले कार्टून देख लेते है, दोपहर में पत्नी के सीरियल्स और गाने चलते है, शाम को वे ख़ुद घर लौटकर न्यूज़ और सीरियल्स देखते है, बीच-बीच में बच्चें कार्टून देखते है।  यानि  टी.वी के प्रति ही समर्पित होता है।  टी.वी उनके परिवार का एक स्थायी और सबसे महत्त्वपूर्ण सदस्य बन चूका है।  और तो और, वे खाना भी टी.वी देखते हुए ही खाते है, जिससे न तो उन्हें खाने का स्वाद आता है, न ही उन्हें यह अंदाज़ा रहता है कि  वे कितना खा गए।  नतीजा यह होता है कि  वे ज़रूरत से ज्यादा खाते है और दिनोदिन मोटे होते जाते है। 

     बच्चे कितनी देर तक टी.वी देखते है, इसका हिसाब लगाना मुश्किल होता है।  इसका एक उदाहरण देखें - चौथे ग्रेड की क्लास में एक सर्वे किया गया कि विद्यार्थी कितने घंटे टीवी देखते है।  तब उस क्लास में अमेरिकी संगीतकार रॉब जॉम्बी भी पढ़ते थे।  रॉब के शिक्षकों के होश उड़ गए, जब उन्हें पता चला कि रॉब एक दिन में नौ घंटे टीवी देखता है।  उन्होंने रॉब से पूछा कि रात को देर तक जगे बिना यह इतने समय टीवी कैसे देख लेता है।  उसका जवाब था, 'मै सुबह जल्दी उठ जाता हुँ और कई बार तो मुझे कृषि संबंधी कार्यक्रम देखने पड़ते है, क्योंकि इतनी सुबह वाही कार्यक्रम आते है।'  इस प्रसंग को कई साल हो चुके है।  अब तो चौबीसों घंटे मनपसंद कार्यक्रम चलते रहते है और अपने मन पर काबू रखने के लिए काफी अनुशासन की जरूरत होती है। 

     यदि आप अपने समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करना चाहते है, तो टीवी के संदर्भ में सावधान रहें। 

     अख़बार टीवी की तुलना में जानकारी का बेहतर साधन है।  अख़बार हमें पुरे संसार की जानकारी देता है और हमारा ज्ञान बढ़ता है, लेकिन इसके दूसरे पहलू पर भी नज़र डालकर देख लें।  अगर सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर का 100 वा शतक बना दिया, तो उसके विस्तृत विवरण पढ़ने से क्या लाभ है, जब तक कि आपकी क्रिक्रेट में रूचि न हो ?  कैटरिना कैफ़ या सलमान खान के प्रेम प्रसंगों के बारे में पढ़ने से आपको क्षणिक आनंद के शिव क्या मिल रहा है ?  अख़बार में पढ़ने के लिए चटपटी या मसालेदार खबरों के बजाय केवल सकारात्मक और ज्ञानवर्द्धक ख़बरें ही चुनें, क्योंकि इस तरह आपका बहुत सा समय बच सकता है। 

     महत्त्वपूर्ण सिद्धांत यह हैं कि अपने काम से काम रखें और दीगर बातों को नज़र अंदाज कर दे।  और यह बात टीवी और अख़बार के संदर्भ में ही नहीं, हर चीज़ पर लागू होती है।  ब्रिटिश गायक क्रैग डेविड जैसे बनें, जो हर दिन अपनी दाढ़ी सँवारने में 40 मिनट बर्बाद कर देते थे।  अगर आप इस सिद्धांत पर अमल करते है, तो आप कम से कम आधे घंटे का समय बचा लेंगे, जिसमें आप अपने महत्त्वपूर्ण काम निबटा सकते है। 

इस तरह सीखें, जैसे आप हमेशा जिन्दा रहेंगे, इस तरह से जिए जैसे आप कल ही मरने वाले हो। 
                                                                 - अज्ञात     

यदि आपके पास भी Hindi में कोई article, inspirational story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें।  हमारी Id है - safalbhariudaan@gmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे ।  Thank You !

0 Comments:

Post a Comment

Sign Up


नयी पोस्ट ईमेल में प्राप्त करने के लिए Email SignUp करें

BEST OF SAFALBHARIUDAAN.COM